गत 27 अगस्त को मुझे लखनऊ मे आयोजित ब्लॉगर समेलन मैं भाग लेने का मौका मिला जिसका रविन्द्र प्रभात व डा0 जाकिर अली ने आयोजन किया था । ये मेरा पहला ब्लॉगर समेलन था तो मैं काफी उत्साहित था और ये देखने के लिए काफी उत्सुक था की प्रोग्राम को कैसे नियोजित तरीके से किया जायेगा ? हालाकि जाने से पहले मन मैं थोडा संसय जरूर था जो वह जा कर दूर हो गया। कहने को लखनऊ बड़े ही तहजीब और तमीज़ का शहर माना जाता है। परन्तु जो वह पर देखने को मिला वो वाकई दुखदाई था वह़ा पर ब्लोग्गेर्स मैं तू मुझे खुश कर मैं तुम्हे खुश करने की होड लगी थी. सुबह दस बजे कार्यक्रम शुरू हुआ तो हम भी स्टेशन से भागते हुए प्रेक्षा ग्रह पहुचें और जाकर अपनी सीटें ग्रहण कर ली और उसके बाद मुख्य अतिथीयो का स्वागत किया गया और उसके बाद 3 बजे तक ज्यो भाषण प्र तियागिता शुरू हुई वो चलती रही
। इस बीच आयोजक ने दुर दराज से आए हुए ब्लागर बधुओ को पानी तक नही पुछा। । इससे पता चलता है कि लखनउ वालो को मेहमान नवाजी नही आती। इनाम बाटने में तो ऐसा लग रहा था जैसे सिर्फ रविन्द्र प्रभात जी ने केवल अपने जानकारो व रिश्तेदारो को ही र्इनाम देने का मन बना रखा था। एक व्य क्ति को दस दस पुरस्कार , कई लोगो के बैग के चेन तक बंद नही हो रही थी । और मै सोच रहा था जिस व्य क्ति को आठ दस पुरस्कार मिले है वह जाकर अपने बच्चो को किस तरह सतुष्ट करेगा उसके बच्चे भी सोचेंगे कि पापा इनाम खरीदकर लाए है ।
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